तबादले से सलमान खान की जमानत की सुनवाई पर कोई असर नहीं पड़ेगा - after transfer of judges in rajasthan salman khans bail plea will not delay

जोघपुर: राजस्थान में बड़े लेवल पर जजों का तबादला किया गया है. पूरे राजस्थान में करीब 382 जजों का ट्रांसफर हुआ है, जिनमें 17 जिला जज भी शामिल हैं. इन जजों की फेहरिस्त में काला हिरण शिकार मामले में सलमान खान को 5 साल जेल की सजा देने वाले जज देव कुमार खत्री और जमानत याचिका पर सुनवाई कर रहे जज रवींद्र कुमार जोशी भी शामिल हैं. हालांकि, इस तबादले को रूटीन ट्रांसफर बताया जा रहा है. इस तबादले के बाद ऐसी संभावना जताई जा रही थी कि अब सलमान खान की जमानत याचिका की सुनवाई में देरी हो सकती है, मगर इस तबादले की प्रक्रिया को देखते हुए ऐसा लग रहा है कि सलमान खान की जमानत की सुनवाई पर कोई असर नहीं पड़ेगा और नियमित तौर पर ही कोर्ट में सुनवाई शनिवार को भी जारी रहेगी.

कारण कि जज के तबादले की प्रक्रिया में सात दिन लगते हैं यानी दूसरे जगह का कार्यभार संभालने में जज को सात दिन का वक्त होता है, तब तक वह पहले के पद पर बने रहते हैं. इस तरह से सलमान खान की जमानत याचिका की सुनवाई कर रहे जज रवींद्र कुमार जोशी अभी भी इस केस की सुनवाई करेंगे क्योंकि अभी तक वह जोधपुर कोर्ट से कार्यमुक्त नहीं हुए हैं.




आज भी जज जोशी अन्य दिनों की ड्यूटी की तरह कोर्ट आएंगे और मामलों की सुनवाई करेंगे. साथ ही यह उनके हाथ में है, चाहें तो वह आज ही मामले की सुनवाई कर फैसला दे सकते हैं या फिर नहीं भी दे सकते हैं. क्योंकि जमानत की अर्जी को अर्जेंट माना जाता है. यही वजह है कि उम्मीद की जा रही है कि आज कोर्ट  में जज सलमान खान जमानत की अर्जी पर अपना फैसला सुना सकते हैं.

बता दें कि सलमान की जमानत पर सुनवाई कर रहे जज जोशी का जोधपुर से सिरोह में ट्रांसफर किया गया है. उनकी जगह अब भिलवाड़ा के जज चंद्र कुमार सोंगरा लेंगे. वहीं, जज खत्री की जगह समरेंद्र सिंह सिकारवार लेंगे, जो उदयपुर में अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट हैं. बता दें कि अदालत ने सलमान खान की जमानत याचिका पर दोनों पक्षों की दलीलें सुनीं. अदालत ने अधीनस्थ अदालत का रिकॉर्ड तलब करने के बाद सुनवाई कल तक के लिए टाल दी थी.



गुरुवार को जोधपुर की सीजेएम कोर्ट के जज खत्री ने सलमान खान को 20 साल पुराने काले हिरण के शिकार से जुड़े मामले में दोषी करार देते हुए पांच साल कैद की सज़ा और 10,000 रुपये के जुर्माने की सज़ा सुनाई थी, जिसके बाद उन्हें कोर्ट से सीधे जोधपुर सेंट्रल जेल भेज दिया गया था.
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