पटना- पूंजीवादी की आंधी में मार्क्सवाद का स्वर्ण युग भले ही खत्म हो गया हो लेकिन आज भी यह महान दार्शनिक और क्रांतिकारी विचारक दुनियाभर के बुद्धिजीवियों के लिए प्रेरणा का स्रोत बना हुआ है। कार्ल मार्क्स के जन्म के 200 साल पूरे होने पर लंदन से लेकर मास्को तक के नामचीन बुद्धिजीवी 16 जून 20 जून तक बिहार की राजधानी पटना में जुटेंगे। वे यहां पर 38 लेक्चर देंगे और 17 पेपर प्रस्तुत करेंगे।
इस ग्लोबल कॉन्फ्रेंस का आयोजन पटना स्थित एशियन डिवेलपमेंट रिसर्च इंस्टिट्यूट कर रहा है। इस तरह 5 दिनों तक पटना मार्क्सवादी विचारकों का गढ़ बन जाएगा। जातिगत संघर्ष के गढ़ रहे बिहार में समाज विज्ञानी द्वंद्वात्मक भौतिकवाद और किसी राज्य में वर्ग निर्माण के सिद्धांत पर चर्चा करेंगे। उदाहरण के लिए इस कॉन्फ्रेंस में टोरंटो यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर सैमुअल होल्लंडर कार्ल मार्क्स के क्रांति के विचार पर लेक्चर देंगे।
इसी तरह से काहिरा में जन्मे चर्चित समाज विज्ञानी समीर अमीन 170 बाद कम्युनिस्ट मेनिफेस्टो पर अपने विचार रखेंगे। रुरल इकोनॉमिक्स की एक्सपर्ट ऑक्सफर्ड यूनिवर्सिटी की बारबरा हैरिस कम उत्पादन और भारत के विकास पर बोलेंगी। इसके अलावा कई दिग्गज विचारक कार्ल मार्क्स के सिद्धांतों की वर्तमान समय में प्रासंगिकता पर अपनी बात रखेंगे।
कॉन्फ्रेंस के कॉन्सेप्ट नोट में कहा गया है, 'यह निश्चित रूप से मार्क्स को याद करने का न केवल सुनहरा मौका है बल्कि उनसे जुड़ी हर चीज पर विचार करने और प्रश्न करने का भी अवसर है।' पटना में इस कॉन्फ्रेंस के आयोजन पर एशियन डिवेलपमेंट रिसर्च इंस्टिट्यूट के सदस्य सचिव शैबल गुप्ता कहते हैं, 'अन्य जगहों की तरह ही बिहार का कार्ल मार्क्स से कोई संबंध नहीं है लेकिन इस राज्य में मार्क्स के सिद्धांत और व्यवहार सच साबित हुए हैं।'
बिहार विधानसभा में वामपंथी दल सीपीआई (एमएल) लिबरेशन के 3 सदस्य हैं। यहीं नहीं वर्ष 2015 में हुए विधानसभा चुनाव में सीपीआई (एमएल) लिबरेशन, सीपीएम और सीपीआई समेत सात वामदलों ने 3 प्रतिशत वोट हासिल किया था। बता दें, कार्ल मार्क्स का जन्म 5 मई 1818 को जर्मनी में हुआ था।
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अगले महीने पटना में जुटेंगे दुनियाभर के दिग्गज मार्क्सवादी विचारक- marxist-thinkers-worldwide-will-gather
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