कर्नाटक के नतीजों से एक दिन पहले सिद्धारमैया ने दिया बड़ा बयान- siddharamaiah-dalit-cm

कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने रविवार को कहा कि अगर कर्नाटक में पार्टी किसी दलित को मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बिठाती है, तो मैं कुर्सी छोड़ने को तैयार हूं. सिद्धारमैया ने कहा कि उन्होंने आखिरी चुनाव लड़ा है, लेकिन राजनीति में बने रहेंगे. इससे पहले भी इंडिया टुडे को दिए इंटरव्यू में सिद्धारमैया ने कर्नाटक विधानसभा चुनाव को अपना आखिरी चुनाव बताया था. कर्नाटक में वोटिंग के बाद नतीजों के आने में अभी कुछ दिन की देरी है, लेकिन एग्जिट पोल के मुताबिक राज्य में कांग्रेस की सरकार बनती दिख रही है. राज्य की 222 सीटों पर किए गए 'आजतक' के Exit Poll में कांग्रेस को 106-118 सीटें मिलने का अनुमान है. सर्वे में बीजेपी को 79-92 सीट और जेडीएस को 22-30 सीट मिलती दिख रही है. सर्वे के मुताबिक राज्य में दलित वोट बीजेपी से छिटकता नजर आ रहा है. एग्जिट पोल में अनुसूचित जाति (एससी) का 42 फीसदी वोट कांग्रेस के हिस्से में गया है. वहीं अनुसूचित जनजाति (एसटी) का 48 फीसदी वोट पाने में कांग्रेस सफल होती दिख रही है. इसके विपरीत बीजेपी को 33 फीसदी एससी वोट और 26 फीसदी एसटी वोट मिलने का अनुमान है.कर्नाटक की तीसरी बड़ी पार्टी जेडीएस को 15 फीसदी एससी वोट और 17 फीसदी एसटी वोट मिलता दिख रहा है. वहीं अन्य के खाते में 9-9 फीसदी एससी-एसटी समुदाय का वोट जाने का अनुमान है. अगर यह सर्वे नतीजों के बाद सही पाया जाता है तो इस बात पर मुहर लग जाएगी कि देशभर में दलितों का जो गुस्सा है वह कर्नाटक के नतीजों को प्रभावित करने में सफल रहा है. कांग्रेस की जीत निश्चितः सिद्धारमैया इससे पहले 'आजतक' के एग्जिट पोल पर प्रतिक्रिया देते हुए कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने कांग्रेस के दोबारा सरकार बनाने का भरोसा जताया. सिद्धारमैया ने कहा कि कांग्रेस की जीत निश्चित है. उन्होंने कहा कि यह लड़ाई मोदी और सिद्धारमैया के बीच नहीं थी, बल्कि यह लड़ाई सिद्धारमैया और बीएस येदियुरप्पा के बीच है. कांग्रेस की जीत का सारा श्रेय पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी को जाता है. कांग्रेस ने चुनाव में जमकर उठाया दलितों का मुद्दा कांग्रेस पार्टी और राहुल गांधी ने कर्नाटक में चुनाव प्रचार के दौरान लगातार दलितों पर हो रहे अत्याचार का जिक्र किया. कांग्रेस ने ऊना कांड से लेकर SC-ST एक्ट को कमजोर करने का मुद्दा कर्नाटक चुनाव में उठाया. साथ ही इसके जरिए केंद्र में सत्ताधारी बीजेपी पर करारे हमले किए और मोदी सरकार पर दलित विरोधी होने का आरोप लगाया. पोल में इसका फायदा कांग्रेस को मिलता दिख रहा है. इसके अलावा बीजेपी और RSS नेताओं के आरक्षण विरोधी बयान भी कांग्रेस के पक्ष में जाते दिख रहे हैं.
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