मदरसों को भी मिलनी चाहिए सीबीएसई और आईसीएसई की मान्‍यता: वसीम रिज़वी - madrasas should be affiliated to cbse icse and allow non muslim students says wasim rizvi shia central waqf board

लखनऊ/नई दिल्‍ली : उत्‍तर प्रदेश शिया सेंट्रल वक़्फ़ बोर्ड के चेयरमैन वसीम रिज़वी ने कहा है कि मदरसों को भी सीबीएसई और आईसीएसई की मान्‍यता मिलनी चाहिए. इसके साथ ही बोर्ड ने मदरसों में गैर मुस्लिम छात्रों को भी शिक्षा दिए जाने की वकालत की है. रिजवी ने इस बाबत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उत्‍तर प्रदेश के मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ को पत्र लिखा है.

रिजवी ने न्‍यूज एजेंसी ANI से बातचीत में कहा कि 'मदरसों को CBSE, ICSE बोर्ड में शामिल किया जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि मदरसों में गैर मुस्लिम छात्रों को भी पढ़ने की इजाजत मिलनी चाहिए एवं धार्मिक शिक्षा वैकल्पिक होनी चाहिए. मैंने इस बाबत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और यूपी के सीएम योगी आदित्‍यना‍थ को इस बाबत पत्र लिखा है. यह हमारे देश को और भी मजबूत बना देगा'.


इससे पहले उत्तर प्रदेश सरकार ने मदरसों व इस्लामी शैक्षणिक संस्थानों को और बेहतर बनाने की कवायद के तहत इन संस्थानों में राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण (एनसीईआरटी) की किताबें पढ़ाने का निर्णय लिया था. उपमुख्यमंत्री दिनेश शर्मा ने कहा था कि मदरसों में एनसीईआरटी किताबों से पढ़ाई होगी. आधुनिक विषयों के साथ स्कूलों के संग बराबरी कर पाएंगे, आलिया स्तर पर गणित और साइंस अनिवार्य होगी.



उन्होंने कहा था कि राज्य मदरसा बोर्ड विद्यार्थियों को सीबीएससी के स्कूलों में पढ़ाए जा रहे एनसीईआरटी कोर्स के तहत चयनित किताबों को पढ़ाए जाने की तैयारी में जुट गया है. शर्मा ने कहा कि मदरसा स्कूलों में गणित तथा विज्ञान की पढ़ाई को अनिवार्य किए जाने की तैयारी की जा रही है. सरकार से हरी झंडी मिलते ही मदरसा बोर्ड एनसीईआरटी की किताबें शामिल करेगा.

उन्होंने बताया कि सरकार ने मदरसों में पाठ्यक्रम को सुधारने के लिए एक 40 सदस्यीय समिति बनाई थी. समिति ने सरकार को रिपोर्ट सौंप दी. रिपोर्ट के अनुसार, सरकार पढ़ाई के स्तर को सुधारने के स्कूलों में हिंदी, अंग्रेजी, गणित, विज्ञान और सामाजिक विज्ञान अनिवार्य कर सकती है.
Share on Google Plus

0 comments:

Post a Comment