23 साल पुरानी दुश्मनी भुलाकर गठजोड़ कर लिया सपा और बसपा ने - gorakhpur phulpur loksabha bypoll yogi adityanath keshav maurya bjp sp bsp

नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश के गोरखपुर और फूलपुर लोकसभा उपचुनाव में दिलचस्प मोड़ आ गया है. बीजेपी को मात देने के लिए सपा और बसपा ने 23 साल पुरानी दुश्मनी भुलाकर गठजोड़ कर लिया है. वहीं बीजेपी ने इस सीट को बचाने के लिए पूरी ताकत झोंक दी है. सूबे की दोनों सीट पर हो रहे उपचुनाव के बीजेपी के सियासी समीकरण को देखें तो अखिलेश-मायावती के गठबंधन पर पार्टी भारी नजर आ रही है.



बीजेपी पहली बार मोदी लहर में 2014 के लोकसभा चुनाव में फूलपुर सीट पर अपनी जीत का परचम लहराने में कामयाब हुई थी. केशव प्रसाद मौर्य बीजेपी उम्मीदवार के तौर पर 2014 में फूलपुर सीट से सांसद बने, लेकिन मार्च 2017 में यूपी के डिप्टी सीएम बनने के बाद उन्होंने यहां से इस्तीफा दे दिया. लोकसभा चुनाव 2014 के मिले मतों के लिहाज से देखा जाए तो कुल 9 लाख 60 हजार 341 मतों में से बीजेपी के केशव मौर्य को 5 लाख 3 हजार 564 वोट मिले थे.

एसपी उम्मीदवार धर्म सिंह पटेल को 1 लाख 95 हजार 256 वोट, बीएसपी प्रत्याशी कपिलमुनि करवरिया को 1 लाख 63 हजार 710 और कांग्रेस के मो. कैफ को 58 हजार 127 मत मिले थे. बीजेपी को यहां 52 फीसदी वोट मिले थे, जबकि एसपी और बीएसपी का वोट फीसदी 47 रहा.

ऐसे में सपा-बसपा ही नहीं बल्कि विरोध में पड़े सभी मतों को मिला दें तो भी वो बीजेपी को मिले वोट के मुकाबले कम था. इसी रिकॉर्ड को देखते हुए कहा जा सकता है कि अगर 2014 जैसे वोट पड़े तो सपा उम्मीदवार नागेंद्र पटेल बीएसपी के समर्थन के बाद भी जीत के प्रति आश्वस्त नहीं रह सकते.



गोरखपुर बीजेपी का मजबूत दुर्ग माना जाता है. 1989 से ये सीट बीजेपी के पास है. योगी आदित्यनाथ नेे पिछले पांच बार से सांसद रहने के बाद पिछले साल यूपी के सीएम बनने के बाद यहां की लोकसभा सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था. गोरखपुर सीट को बीजेपी से छीनने के लिए सपा और बसपा ने हाथ मिलाया है. इसके बावजूद विपक्षियों के लिए ये आसान नहीं रहने वाला.

बता दें कि 2014 के लोकसभा चुनाव में योगी आदित्यनाथ को 5 लाख 39 हजार 127 वोट मिले थे. सपा उम्मीदवार राजमति निषाद को 2 लाख 26 हजार 344 वोट मिले, वहीं बसपा प्रत्याशी राम भुअल निषाद को 1 लाख 76 हजार 412 वोट मिले थे. इसके अलावा कांग्रेस को महज 45 हजार 719 वोट मिले. इस तरह सपा और बसपा के साथ-साथ कांग्रेस के वोट को मिला दें तो 4 लाख 48 हजार 475 वोट होते हैं. जो कि बीजेपी से 90 हजार 652 वोट कम हैं.

गोरखपुर सीट से योगी की विरासत सीट से उतरे बीजेपी उम्मीदवार उपेंद्र शुक्ला को मात देने के लिए सपा प्रत्याशी प्रवीण निषाद को बीएसपी ने समर्थन किया है. अब देखना है कि योगी को मिले पिछले वोट की भरपाई सपा बसपा मिलकर कैसे करते हैं.


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