आज अपना 88वां जन्मदिन मना रही हैं स्वर कोकिला लता मंगेशकर - birthday special lata mangeshkar

नई दिल्ली: स्वर कोकिला के नाम से मशहूर सिंगर लता मंगेशकर आज अपना 88वां जन्मदिन मना रही हैं. लता मंगेशकर के गाने लोगों के दिलों पर आज भी जादू कर देते हैं. वह पिछले सात दशकों से हिंदी गीतों की दुनिया में छाई हुई हैं. 28 सितंबर 1929 को जन्मी लता मंगेशकर ने आज तक लगभग 30 हजार गीत गाएं हैं. उन्होंने हिंदी में 1000 और अन्य 36 भाषाओं में गाने गाएं हैं. हालांकि, आज जब सारे फिल्ममेकर चाहते हैं कि उनकी फिल्म का एक गीत लता गाएं तो अब शायद ही उनका यह ख्वाब पूरा हो पाए क्योंकि लता अब स्टूडियो में मुश्कित ही जाती हैं.

लता मंगेशकर ने आखिरी बार 2014 में किसी फिल्म के गाने की रिकॉर्डिंग की थी. लता के पिता पंडित दीनानाथ मंगेशकर एक क्लासिकल सिंगर और थिएटर आर्टिस्ट थे. लता के तीन भाई बहन और हैं और उनमें वह सबसे बड़ी थीं. लता के पिता ने पहले उनका नाम हेमा रखा था, लेकिन कुछ साल बाद अपने एक थिएटर पात्र लतिका के नाम पर दीनानाथ ने उनका नाम लता रखा. लता जब 13 साल की थीं तब उनके पिता का निधन हो गया था और उनके ऊपर पूरे परिवार की जिम्मेदारी आ गई थी. इसके बाद उन्होंने 13 साल की उम्र में सबसे पहला गीत गाया जो एक मराठी फिल्म के लिए था लेकिन बाद में इस गाने को फिल्म में जगह नहीं दी गई थी. इसके बाद उनको पहली बार सोलो गाने का मौका 1948 में रिलीज हुई फिल्म 'जिद्दी' में मलिा था. गाने का नाम है, 'जिंदगी का आसरा समझे, बड़े नादान थे हम', लेकिन इस गीत के लिए उन्हें श्रेय नहीं मिला.



फिल्म जब रिलीज हुई तो इसमें फिल्म की एक्ट्रेस कामिनी कोशल को इस गीत का श्रेय दिया गया. उनका इस फिल्म में आशा नाम था. बता दें, लता पर जानलेवा हमला भी किया जा चुका है. दरअसल, 1962 में एक दिन सुबह-सुबह उनकी तबियत अचानक खराब हो गई. उनको इस फिल्म '20 साल बाद' का गाना रिकोर्ड करना था लेकिन अचानक तबियत खराब होने पर उन्होंने उस दिन रिकॉर्डिंग कैंसिल कर दी. अचानक उनकी तबियत ज्यादा खराब हो गई और जब वह डॉक्टर के पास गईं तो डॉक्टर ने बताया कि कोई उन्हें खाने में स्लो प्वॉइजन दे रहा था. इसके बाद ऊषा मंगेशकर ने अपनी दीदी लता का खाना बनाने की जिम्मेदारी ले ली. हालांकि, आज तक भी इस शक्स का पता नहीं चल पाया. इसके बाद उन्हें पूरी तरह ठीक होने में 3 महीने लगे.



पूरी तरह ठीक होने के बाद उन्होंने पहला गाना फिल्म '20 साल बाद' के लिए गाया था. गाने के बोल हैं, 'कहीं दीप जले कहीं दिल'. इस किस्से का जिक्र संगीतकार श्री रामचंद्र ने अपनी पुस्तक में भी किया है. लता 1942 से अब तक 30 हजार से ज्यादा गीत गा चुकी हैं और आज भी उनके कुछ गाने दिल को छू जाते हैं. लता मंगेशकर को 2001 में भारत रत्न से सम्मानित किया जा चुका है. लता को पद्म भूषण, दादा साहब फालके और अवॉर्ड और पद्म विभूषण से भी सम्मानित किया जा चुका है.  
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